दीपक पर कविता

नव्य आशा के दीप जले - मधु सिंघी नव्य आशा के दीप जले,उत्साह रूपी सुमन खिले।कौतुहल नवनीत जगाकर,नया साल लो फिर आया। मन के भेद मिटा करके,नयी उम्मीद जगा करके।संग…

Continue Readingदीपक पर कविता

दीपावली पर कविता (Poem on Diwali in Hindi)

दिवाली / दीपावली पर कविता (Poem on Diwali in Hindi) : भगवान श्रीराम जब लंका के राजा रावण का वध कर पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या वापस…

Continue Readingदीपावली पर कविता (Poem on Diwali in Hindi)