मकर संक्रांति आई है / रचना शास्त्री

मकर संक्रांति आई है / रचना शास्त्री मगर संक्रांति आई है। मकर संक्रांति आई है। मिटा है शीत प्रकृति में सहज ऊष्मा समाई है।उठें आलस्य त्यागें हम, सँभालें मोरचे अपने…

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