कारवाँ पर कविता / रमेश कुमार सोनी
कारवाँ पर कविता / रमेश कुमार सोनी धरती माँ से सुनीकल एक कहानीदूध की नदियाँ औरसोने की चिड़िया थी कभीआँचल रत्नगर्भा औरपानी की अमृतधारा थी यहींवृक्षों की ठंडी छाँह औरखट्टे-मीठे फल का स्वादपरोसती थी वो कभी । आज मुझे वो मिली है-जहरीली हवाओं की दम घोंटू साँस औरअम्लीय वर्षा की चिंता लिएसीना छलनी हुएबोरवेल से … Read more