कागजी तितली / डी कुमार –अजस्र
कागजी तितली / डी कुमार –अजस्र ठिठुरन सी लगे ,सुबह के हल्के रंग रंग में ।जकड़न भी जैसे लगे ,देह के हर इक अंग में ।। उड़ती सी लगे,धड़कन आज आकाश में।डोर भी है हाथ में,हवा भी है आज साथ में। पर कागजी तितली…..लगी सहमी सीउड़ने की शुरुआत में ।फैलाये नाजुक पंख ,थामा डोर का … Read more