कागजी तितली / डी कुमार –अजस्र

patang subh makar sankranti

कागजी तितली / डी कुमार –अजस्र ठिठुरन सी लगे ,सुबह के हल्के रंग रंग में ।जकड़न भी जैसे लगे ,देह के हर इक अंग में ।। उड़ती सी लगे,धड़कन आज आकाश में।डोर भी है हाथ में,हवा भी है आज साथ में। पर कागजी तितली…..लगी सहमी सीउड़ने की शुरुआत में ।फैलाये नाजुक पंख ,थामा डोर का … Read more

मकर संक्रान्ति पर सुमित्रानंदन पंत की कविता

patang subh makar sankranti

14 जनवरी के बाद से सूर्य उत्तर दिशा की ओर अग्रसर (जाता हुआ) होता है। इसी कारण इस पर्व को ‘उतरायण’ (सूर्य उत्तर की ओर) भी कहते है। और इसी दिन मकर संक्रान्ति पर्व मनाया जाता है. जो की भारत के प्रमुख पर्वों में से एक है।  सुमित्रानंदन पंत जन पर्व मकर संक्रांति आजउमड़ा नहान को … Read more