Tag: महात्मा गांधी पुण्यतिथि पर कविता

  • बापू जी तुम्हें नही भूले

    बापू जी तुम्हें नही भूले

    बापू जी तुम्हें नही भूले

    mahatma gandhi

    हम भूल गये रे हर बात,
    बापू जी तुम्हें नही भूले।
    सब कुछ किया देश के नाम
    तुम्हारे सब काम नही भूले।।
    हम भूल गये रे……………।

    संघर्ष करके जीना सिखाया,
    अपनें वतन को बचाया।
    सब कुछ हमनें पाया मगर,
    तेरे साथ ना झूला कभी झूले।।
    हम भूल गये रे……………..।

    उठाके अपनें गोद में हमको
    सबको गले से लगाया।
    खेलें हैं कितनें खेल मगर,
    तेरे साथ ना खेल कभी खेले।।
    हम भूल गये रे…………….।

    तेरे सत्य-अहिंसा को लेकर
    उस सीमा में ले जायेंगें।
    हम सीनातान रहेंगें वहाँ,
    जिस राह में दुश्मन हैं फैले।।
    हम भूल गये रे……………।

    उमेश श्रीवास”सरल”
    मु.पो.+थाना-अमलीपदर
    जिला-गरियाबंद (छत्तीसगढ़)
    पिन-493891
    मोबाईल-9302927785
                9406317782

  • वन्दे मातरम् गाऊँगा

    वन्दे मातरम् गाऊँगा

    वन्दे मातरम् गाऊँगा

    mahatma gandhi

    बापू जी के चरखे को,
    मैं भी खूब घुमाऊँगा।
    सत्य-अहिंसा की बातें,
    सबको रोज सुनाऊँगा।।

    चाचा जी के लाल ग़ुलाब,
    बाग़-बगीचे में लगाउँगा।
    शीश झुकाकर चरणों में,
    लाल ग़ुलाब चढ़ाऊँगा।।

    पर्वत-घाटी ऊँचा चढ़कर,
    तिरंगा ध्वज फहराउंगा।
    चाहे दुनिया जो भी करले,
        वन्देमातरम् गाऊँगा।।

        ||स्वरचित||
    उमेश श्रीवास”सरल”
    मु.पो.+थाना-अमलीपदर
    विकासखण्ड-मैनपुर
    जिला-गरियाबंद,छत्तीसगढ़

  • 30 जनवरी महात्मा गांधी पुण्यतिथि पर कविता

    30 जनवरी महात्मा गांधी पुण्यतिथि पर कविता

    महात्मा गांधी पुण्यतिथि पर कविता

    mahatma gandhi
    mahatma ghandh

    • बाबूलाल शर्मा ‘प्रेम’

    स्वतन्त्रता के अमर पुजारी, सत्य-अहिंसा के व्रतधारी !

    बापू, तुम्हें प्रणाम बापू, तुम्हें प्रणाम !

    देश-प्रेम का पाठ पढ़ाने, दुखियों का दुःख-दर्द मिटाने ।

    प्राण देश के लिए दे दिए और गए सुर-धाम !

    बापू, तुम्हें प्रणाम बापू, तुम्हें प्रणाम !

    लड़ते रहे न्याय के हित में, अपना सुख छोड़ा परहित में।

    श्रम सेवा का दीप तुम्हारा, जलें सदा अविराम !

    बापू, तुम्हें प्रणाम — बापू, तुम्हें प्रणाम !

    पद-चिह्नों पर चलें तुम्हारे, हमें शक्ति दो, बापू प्यारे !

    कठिनाई से लड़ना सीखें, जाने शीत न घाम !

    बापू, तुम्हें प्रणाम बापू, तुम्हें प्रणाम !

    जय बोल

    • मैथिलीशरण गुप्त

    खुली है कूटनीति की पोल,

    महात्मा गांधी की जय बोल ।

    नया पन्ना पलटे इतिहास,

    हुआ है नूतन वीर्य विकास,

    विश्व, तू ले सुख से नि:श्वास,

    तुझे हम देते हैं विश्वास ।

    आत्म-बल धारण कर अनमोल,

    महात्मा गांधी की जय बोल ।

    देख कर वैर, विरोध, विनाश,

    पड़ गया है नीला आकाश,

    किन्तु अब पशु-बल हुआ हताश,

    कटेगा पराधीनता – पाश ।

    उठा ईश्वर का आसन डोल,

    महात्मा गांधी की जय बोल ।