विश्व विकलांगता दिवस पर लेख
विकलांगता कोई अभिशाप नहीं है बल्कि विकलांग जिसे अब दिव्यांग कहा जाता है हमारी तरह मनुष्य हैं।
विकलांगता कोई अभिशाप नहीं है बल्कि विकलांग जिसे अब दिव्यांग कहा जाता है हमारी तरह मनुष्य हैं।
एक दिव्यांग अपनी दिव्यांगता को कमजोरी नहीं बल्कि आत्म बल साहस बना सबको एक नई दिशा देता है और नित आगे बढ़ता है