विकलांग नहीं दिव्यांग है हम

विकलांग नहीं दिव्यांग है हम

3 दिसम्बर दिव्यांग दिवस :- पर सभी दिव्यांग जनों को सादर समर्पित विकलांग नहीं दिव्यांग है हम आँखे अँधी है, कान है बहरे ,हाथ पांव भी भले विकल ।वाणी-बुद्धि में…

ये भी विकलांगता है

ये भी विकलांगता है कविता संग्रह नर मूर्तियाँ बना प्रभु ने ,किया काम उत्तमता है।रह गयी कुछ कमियाँ,जग कहे अपंगता है।ये भी……………….। पाँव एक ही होकर भी ,गिरी राज लांघता…

हूँ तन से दिव्यांग मन से नहीं-(विश्व दिव्यांग दिवस विशेष)

एक दिव्यांग अपनी दिव्यांगता को कमजोरी नहीं बल्कि आत्म बल साहस बना सबको एक नई दिशा देता है और नित आगे बढ़ता है