मित्रता पर दोहे – गोपाल ‘सौम्य सरल

doha sangrah

यहां पर *गोपाल ‘सौम्य सरल’‌ द्वारा रचित सच्ची मित्रता को समर्पित एक रचना प्रस्तुत है।

मित्रता की शान

जीवन में मित्रता का महत्व और मित्रता का बखान कविता के माध्यम से किया गया है।

मित्रता पर कविता

मित्रता पर कविता मित्रो के विवाद में संवाद करना चाहिए।मित्रो की मित्रता में अमृत रस बना चाहिए। मित्र ज्ञानी हो ना हो, सचा होना चाहिए।मित्रो में कपट ना हो, प्रेम होना चाहिए। समस्या में मित्रो का आसरा लेना चाहिए।भूख में मित्र भोजन बनना चाहिए। बुद्धि हो ना हो मित्र में परन्तु छल नहीं होना चाहिए।कृष्ण, … Read more