खुद से परिभाषित ना कर तू
HINDI KAVITA
जन्म तिथि – 12 जनवरी 1972
पिता का नाम – श्री जटा शंकर मिश्र
माता का नाम – श्रीमती भगवती मिश्र
शिक्षा – डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल इन्जीनियरिंग
रोजगार – टाटा स्टील में कार्यरत
पता – 32/ L5, क्रास रोड न0-5, एग्रिको, जमशेदपुर – 831009
( मूल निवासी : मैथिल काशी नगरी ग्राम – बनगाँव, जिला – सहरसा , बिहार )
साहित्यिक विधा – छंदमुक्त कविता / गज़ल/ हास्य – व्यंग्य लेखन
भाषा ज्ञान – हिंदी, मैथिली, अंग्रेजी
उपलब्धि – दो संयुक्त प्रकाशित पुस्तकें
१) प्यारी बेटियाँ- साहित्यपीडिया पब्लिशिंग
२) सृजन गुच्छ ( प्रथम )- समदर्शी प्रकाशन
जमशेदपुर से बाहर कई मंचों पर प्रस्तुति
विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन
विभिन्न संस्थाओं द्वारा सम्मानित
तकनिकी क्षेत्र में कई राष्ट्रिय सम्मान
HINDI KAVITA
बस यही दासतां हमारी है
हिन्दी दिवस 14 सितम्बर को देशभर में मनाया जाता है। 1949 में आज ही के दिन संविधान सभा ने देवनागरी लिपि में हिन्दी को देश की राजभाषा के रूप में स्वीकार किया था। हिन्दी विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषाओं में एक है और 52 करोड से अधिक लोगों की पहली भाषा है।
वक़्त पर हमने अगर ख़ुद को संभाला होताज़ीस्त में मेरी उजाला ही उजाला होता दरकते रिश्तों में थोड़ी सी तो नमी होतीअपनी जुबान को जो हमने सम्हाला होता तुमको भी ख़ौफेे – खुदा यार कहीं तो होताकाश ! रिश्तों को…