जन – जन की भाषा हिन्दी-अजय मुस्कान
जन – जन की भाषा हिन्दी
हर मन की अभिलाषा हिन्दी
जीवन की पूर्ण परिभाषा हिन्दी
हर एक जीवन की आशा हिन्दी
जन -जन की भाषा हिन्दी…..
हर मन की अभिलाषा हिन्दी…
देश को गौरव दिलाती हिन्दी
हमें एक सूत्र में पिरोती हिन्दी
आपसी भाईचारे की भाषा हिन्दी
काल से परे, कालजयी भाषा हिन्दी
जन – जन की भाषा हिन्दी….…..
हर मन की अभिलाषा हिन्दी …..
सुर, कबीर, तुलसी सबने ही लिखी हिन्दी
इतनी प्यारी अपनी, संस्कृत की बेटी हिन्दी
जन में हिंदी, मन में हिंदी, सबसे प्यारी हिन्दी
घर – घर रहती, हम सबके माथे की बिंदी हिन्दी
जन – जन की भाषा हिन्दी…………
हर मन की अभिलाषा हिन्दी……….
हमको भाती हिन्दी , सबको लुभाती हिन्दी
सरल, मनोरम , मीठी इतनी अपनी हिन्दी
कहे ‘अजय ‘ मान भी हिन्दी, सम्मान भी हिन्दी
अपनी पहचान भी हिन्दी , स्वाभिमान भी हिन्दी
जन – जन की भाषा हिन्दी………
हर मन की अभिलाषा हिन्दी…….
…… अजय मुस्कान