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यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०अमीषी उपाध्याय के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

  • केले पर कविता

    केले पर कविता

    केले पर कविता

    सबसे प्यारा सबसे न्यारा
    मेरा नाम है बनाना।

    यूं तो हू मैं पीले रंग का
    सबका दिल हूं चुराता ।

    आम, अनार, सेब, संतरे
    सबके स्वाद निराले।

    मैं जीता हूं बिना बीज के
    ऐसा हूं मैं अनोखा ।

    कदली, केला, रंभा, भानूफल
    ऊंचा लंबा मेरा कद।

    पूजा पाठ में करे इस्तेमाल
    भोग भी लगे मेरे नाम ।

    सब्जी हो या प्रसाद हो
    केला सबसे आगे हो।

    ऐसा गुण किस फल में हो
    जो केले के पास हो।

    *अमिषी उपाध्याय*

  • ऐसा साल ना देना दुबारा

    ऐसा साल ना देना दुबारा

    kavita

    गुजरा हुआ ये साल
    कर गया सबको बेहाल।

    ना कोई जश्न ना कोई त्योहार
    बस घर की वो चार दीवार।

    कभी लिविंग रूम तो कभी बेडरूम
    यही थी दुनिया और यही थे सब।

    कभी हाफ पैंट, तो कभी ट्रैक पैंट
    पहनने मिला ही नहीं कभी कोट पैंट।

    ना कोई दोस्त मिला ना कोई रिश्तेदार
    बस फोन पे ही हुआ है सबका दीदार।

    ना कोई खेल ना कोई स्कूल
    मुरझा गए हम कोमल फूल।

    पॉजिटिव सुनके दिल घबराया
    नेगेटिव सुनके मन मुस्कराया।

    कई घरों ने इस साल में
    अपने स्वजन को भी गुमाया।

    खुशियां में तो चलो जा न पाए
    पर दुख में भी तो साथ निभा न पाए।

    हे ईश्वर परमेश्वर तुझे पुकारा
    ऐसा साल ना देना दुबारा।


    अमिषी उपाध्याय