कृष्ण रंग रंगी मीरा /अर्चना पाठक

shri Krishna

कृष्ण रंग रंगी मीरा/ अर्चना पाठक तज महल अटारी ,कर सितार लिये गली गली श्याम संग घूमी मीरा । वीणा के तार कृष्ण दास हुये भक्ति के रंग में रंगी मीरा । पराधीनता की गहरी टीस लिये। विरक्ति के गीत में रमी मीरा। परिजनों के क्रोध और विद्रोह सहे। सदा कृष्ण भक्ति में लीन मीरा। … Read more

सायली छंद में रचना

सायली छंद में रचना चेहरादेख सकूँनसीब में कहाँबिटिया दूरबसेरा। अहसासबस तुम्हारापल-पल यादसताती रहीआज। यादआते रहेवो पल हरदमजो सुनहरेबीते। तेरीनटखट शैतानियाँमहकता रहता था।घर आँगनमेरा। अर्चना पाठक (निरंतर)अम्बिकापुर

तरबूज पर बाल कवितायेँ

तरबूज पर बाल कविता : तरबूज़ ग्रीष्म ऋतु का फल है। यह बाहर से हरे रंग के होते हैं, परन्तु अंदर से लाल और पानी से भरपूर व मीठे होते हैं। इनकी फ़सल आमतौर पर गर्मी में तैयार होती है। पारमरिक रूप से इन्हें गर्मी में खाना अच्छा माना जाता है क्योंकि यह शरीर में … Read more

मन में राम नाम नित जापे/ कवयित्री अर्चना पाठक

Jai Sri Ram kavitabahar

राम/श्रीराम/श्रीरामचन्द्र, रामायण के अनुसार,रानी कौशल्या के सबसे बड़े पुत्र, सीता के पति व लक्ष्मण, भरत तथा शत्रुघ्न के भ्राता थे। हनुमान उनके परम भक्त है। लंका के राजा रावण का वध उन्होंने ही किया था। उनकी प्रतिष्ठा मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में है क्योंकि उन्होंने मर्यादा के पालन के लिए राज्य, मित्र, माता-पिता तक का त्याग किया। मन में राम नाम नित जापे/ कवयित्री अर्चना पाठक अवध पुरी आए सिय रामा।ढोल बजे नाचे सब … Read more

कंगन की खनक समझे चूड़ी का संसार

कंगन की खनक समझे चूड़ी का संसार नारी की शोभा बढ़े, लगा बिंदिया माथ।कमर मटकती है कभी, लुभा रही है नाथ। कजरारी आँखें हुई,  काजल जैसी रात।सपनों में आकर कहे,  मुझसे मन की बात। कानों में है गूँजती, घंटी झुमकी साथ।गिर के खो जाए कहीं, लगा रही पल हाथ। हार मोतियों का बना, लुभाती गले … Read more