Tag #बाबूलाल शर्मा बौहरा

यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर ०बाबू लाल शर्मा बौहरा के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

देव घनाक्षरी विधान -बाबूलाल शर्मा ‘विज्ञ’

देव घनाक्षरी विधान -बाबूलाल शर्मा ‘विज्ञ’ देव घनाक्षरी विधान ३३वर्ण (८८८९) प्रतिचरण चार चरण समतुकांत चरणांत नगण१११(पुनरावृत्ति) (जैसे कदम कदम) देव घनाक्षरी विधान का उदाहरण __कदम-कदम__ लड़ें सीमा पर हम,पातकी जाएगा थम,कारवाँ चले बढ़ेगा,चलना कदम-कदम। पाक पड़ौसी बे दम,सुधारो उसको…

हरिहरण घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’

घनाक्षरी छंद विधान: हरिहरण घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’ हरिहरण घनाक्षरी विधान ३२ वर्ण( ८८८८) प्रतिचरण चार चरण समतुकांत आंतरिक समान्तता अपेक्षित चरणांत लघु लघु ११ हरिहरण घनाक्षरी का उदाहरण . __परिवर्तन__ हे श्याम वर्ण के घननर्मद सा हो ये मन,पत्थर शिव…

विजया घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’

घनाक्षरी छंद विधान: विजया घनाक्षरी -बाबूलाल शर्मा ‘विज्ञ’ विजया घनाक्षरी विधान ३२ वर्ण (८८८८) प्रतिचरण चार चरण समतुकांत आंतरिक समान्तता हो चरणांत नगण १११ विजया घनाक्षरी विधान का उदाहरण तिरंगा चाह कफन भारत माता वंदनमाटी सादर चंदन,मानस अभिनंदनचरणों में है…

कृपाण घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’

घनाक्षरी छंद विधान: कृपाण घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’ कृपाण घनाक्षरी विधान ३२ वर्ण(८८८८) प्रतिचरण चार चरण समतुकांत ८,८,८,८ पर यति हो, एवं चारो यति समतुकांत अनिवार्य चरणांत गुरु लघु २१ (गाल) कृपाण घनाक्षरी विधान का उदाहरण वर्षा नीर माने जाने भू…

डमरू घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’

घनाक्षरी छंद विधान: डमरू घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’ डमरू घनाक्षरी विधान ३२ वर्ण(८८८८) प्रतिचरण १६,१६,वर्ण पर यति चार चरण समतुकांत समस्त वर्ण मात्रा विहीन हो डमरू घनाक्षरी विधान का उदाहरण हँसत नट चल पथ पनघटखटकत जल घट,धर पद नटखटभग पटकत घट।…

मदन घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’

घनाक्षरी छंद विधान: मदन घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ मदन घनाक्षरी विधान ३२ वर्ण (८८८८) प्रतिचरण १६,१६ वर्ण पर यति चार चरण समतुकांत चलणांत २२ गुरु गुरु मदन घनाक्षरी विधान का उदाहरण __नीर जरूर बचाएँ__ वर्षा का नीर सहेजेंसंदेश सभी को भेजें,पुनर्भरण…

रूप घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’

घनाक्षरी छंद विधान: रूप घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’ रूप घनाक्षरी का विधान विधान:- ३२ वर्ण (८८८८) प्रतिचरण १६,१६ वर्ण पर यति चार चरण समतुकांत चरणांत गुरु लघु (गाल) रूप घनाक्षरी का उदाहरण __भारती वंदन__ मात भारती वंदनमाटी तेरी है चंदन,जन्मे जो…

जलहरण घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’

घनाक्षरी छंद विधान: जलहरण घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’ जलहरण घनाक्षरी का विधान विधान :– ३२ वर्ण प्रति चरण( ८८८८) १६,१६ पर यतिचार चरण समतुकांतचरणांत लघु गुरु, या लघु लघु जलहरण घनाक्षरी का उदाहरण – नीर बहे मेघ घटा जल वर्षाखेत खेत…

जनहरण घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’

घनाक्षरी छंद विधान: जनहरण घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ’ जनहरण घनाक्षरी का विधान:– ३१, वर्ण प्रति चरण( ८८८७) १६,१५ पर यतिचार चरण समतुकांत हो।प्रति चरण ३० वर्ण लघु औरअंतिम वर्ण गुरु हो। जनहरण घनाक्षरी का उदाहरण प्रभु नटखट चल पथ पनघटनिरखत जल…

गुरु पच्चीसी

भारत के गुरुकुल, परम्परा के प्रति समर्पित रहे हैं। वशिष्ठ, संदीपनि, धौम्य आदि के गुरुकुलों से राम, कृष्ण, सुदामा जैसे शिष्य देश को मिले। डॉ. राधाकृष्णन जैसे दार्शनिक शिक्षक ने गुरु की गरिमा को तब शीर्षस्थ स्थान सौंपा जब वे…