घनाक्षरी छंद विधान: मदन घनाक्षरी -बाबूलालशर्मा ‘विज्ञ
मदन घनाक्षरी विधान
- ३२ वर्ण (८८८८) प्रतिचरण
- १६,१६ वर्ण पर यति
- चार चरण समतुकांत
- चलणांत २२ गुरु गुरु
मदन घनाक्षरी विधान का उदाहरण
__नीर जरूर बचाएँ__
वर्षा का नीर सहेजें
संदेश सभी को भेजें,
पुनर्भरण कर लो
व्यर्थ न नीर बहाएँ।
पेड़ लगाओ सब ही
मेड़ बनाओ तब ही,
खेत खेत जल कुंडे
घर भी कुंड बनाएँ।
कूप बावड़ी पोखर
भरे नीर वर्षा पर,
हर पथ कुण्ड बना,
बूंद बूंद जल लाएँ।
बाग बगीची घर की
अपनी हो या पर की,
वर्षा जल कुण्ड बना
नीर जरूर बचाएँ।
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©~~~~~~~~बाबूलालशर्मा *विज्ञ*