सखी के लिए कविता -डॉ0 दिलीप गुप्ता
सखी के लिए कविता - डॉ0 दिलीप गुप्तारिमझिम बरसे.मन है हरसेप्रणय को ब्याकुल हिरदय होवे,सात समंदर पार है…
कविता
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०डॉ0 दिलीप गुप्ता’प्रेरणा के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .