by कविता बहार | Aug 26, 2022 | हिंदी कविता
लालसा पर कविता लालसा न चाह का है ,जीवन में कुछ पाने कोलालसा न बड़ा बनू, न बहुत कुछ कर जाने कोछीन कर खुशियां किसी की, रोटियां दो वक्त कीमैं चलूं तारों को लाने,छोड़ इन्हें मर जाने को धिक्कार है जीवन को ऐसे,धिक्कारता हूं लोग कोजो अपनी ही खुशियों के खातिर,तैयार हैं मर... by कविता बहार | Aug 14, 2022 | हिंदी कविता
इंदौर मध्यप्रदेश से आदरणीया सुशी सक्सेना द्वारा रचित अति पर कविता यहां पर प्रस्तुत है Kavita Bahar || कविता बहार अति पर कविता अति की बरसा, अति का सूखा,अति न किसी की भाये |अति की आँधी जब चल जाये,तो प्रलय दुनिया मे आ जाये |अति की बोली, अति का मौन,अति की भाषा समझे कौन... by कविता बहार | Jun 30, 2021 | हिंदी कविता
प्रतीक्षा पर कविता आयु ही जैसे प्रतीक्षा-श्रृंखला है,हर प्रतीक्षा पूर्ण कब होती भला है!रवि प्रतीक्षित धर्मरत हैं पूर्व-पश्चिम,सूर्य मिलकर पूर्व से पश्चिम चला है।धैर्य से जिस बीज ने की है प्रतीक्षा,वृक्ष सुंदर हो वही फूला-फला है।झूठ है आलस्य को कहना प्रतीक्षा,उन्नयन के...