भ्रूण हत्या पर कविता

भ्रूण हत्या पर कविता भ्रूण हत्या का मचा एक नीरव रोर है,चोरी छिपे लिंग जाँच हर दिशा हर ओर है।जाने क्यों बेटी की हत्या का शौक ये चढ़ आया,गर्भ में ही भेदभाव का ये कृत्य सबको भाया। अपने ही कोख के अंश का माँ गला घोंट देती है,लिंग जाँच में बेटा हो तो हत्या रोक लेती है,लड़की...