बलात्कार पर आक्रोश कविता
बलात्कार पर आक्रोश कविता तीन बरस की गुड़िया तिल तिल मरके आखिर चली गयी,आज अली के गढ़ में बिटिया राम कृष्ण की छली गयी,नन्हे नन्हे पंख उखाड़े, मज़हब के मक्कारों ने,देखो कैसे ईद मनाई,दो दो रोज़ेदारों ने, कोमल अंग काट कर खाये, कुत्तों ने इफ्तारों में,नोच कुचल कर लाश फेंक दी रमजानी बाज़ारो मेंआस्तीन में … Read more