हनुमान जी बजरंगबली के रूप में जाना जाता है क्योंकि इनका शरीर एक वज्र की तरह है। वे पवन-पुत्र के रूप में जाने जाते हैं। वायु अथवा पवन (हवा के देवता) ने हनुमान जी को पालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। शिवमहापुराण में भगवान शिव के उन्नीस अवतारों का वर्णन है। जिसमें भगवान हनुमान को उनके सभी अवतारों में श्रेष्ठ माना गया है। हनुमान जी के पूर्व जन्म के बारे में महर्षि वाल्मीकि ने मूल रामायण में विस्तारपूर्वक लिखा है।

हनुमान जी पर छंद कविता

हनुमान जी पर छंद कविता सबसे न्यारे, राम दुलारे,सब भक्तों के प्यारे हैं |घर-घर, द्वारे-द्वारे लगते,हनुमत के जयकारे हैं || भक्ति भाव से भक्त पुकारे ,अंतर्मन से माने है |भक्तों…

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जय हनुमान तुम्हारा वंदन

जय हनुमान शक्तिपुंज ! सब विघ्न विनाशक रामदूत वैभव सुखदायक संकट-मोचक मारुति-नंदन जय हनुमान तुम्हारा वंदन 1 हे कपीश बुध्दिबल स्वामी अंजनि तनय पवनसुत नामी गुणसागर सुखपर्वत धामी जय हनुमान…

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जय जय हनुमान पर कविता हिंदी में – बाबूराम सिंह

जय जय हनुमान पर कविता हिंदी हनुमान जी पर कविता जय भक्त शिरोमणि शरणागत जय हो कृपानिधान।जयबजरंगी रामदूत जय पवनपुत्र जय जय हनुमान।।जय आनंद कंदन केशरी नंदन जग वंदन शुभकारी।जय…

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