औरत पर कविता -हरभगवान चावला
औरत पर कविता औरत को थोड़ा सुख मिलतातो चेहरे पर झलक जातादुख का उसके चेहरे सेबहुत देर तकपता ही नहीं चलता थासबको खिलाने के बादजो बचता, वो खातीऔर सुखी हो…
औरत पर कविता औरत को थोड़ा सुख मिलतातो चेहरे पर झलक जातादुख का उसके चेहरे सेबहुत देर तकपता ही नहीं चलता थासबको खिलाने के बादजो बचता, वो खातीऔर सुखी हो…