खुशनसीब -माधुरी डड़सेना मुदिता

कविता संग्रह खुशनसीब मैं खुशनसीब हूँ कि मुझे यार मिल गया दिल को बड़ा सकूं है दिलदार मिल गया ।दर दर भटक रहे थे कभी हम यहाँ वहाँअब डर नहीं…

गुलबहार -माधुरी डड़सेना

कविता संग्रह गुलबहार होश में हमीं नहीं सनम कभी पुकार अबहो तुम्हीं निगाह में हमें ज़रा निहार अब ।वक़्त की फुहार है ये रोज़ की ही बात है दिल मचल…

माधुरी मंजरी- हिंदी काव्य

सेवा पर कविता सेवा वंचित मत रहो,तन मन दीजे झोकसेवा मे सुख पाइए,नहीं लगाओ रोक ।।1।। जो सेवा संपन्न है ,देव अंश तू जान ।इनके दर्शन मात्र से ,मिलते कई…
हाइकु

माधुरी डड़सेना के हाइकु

माधुरी डड़सेना के हाइकु hindi haiku || हिंदी हाइकु 1मौसमी ज्वर-फंदे में झूल रहेप्रेमी युगल 2जलतरंग-सर्प के मुख आतीटर्र ध्वनि 3तांडव नृत्य-घर में तैर रहेसारा सामान 4फटा बादल-घर मे दुबका…