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यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर0माधुरी डड़सेना के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

खुशनसीब -माधुरी डड़सेना मुदिता

खुशनसीब मैं खुशनसीब हूँ कि मुझे यार मिल गया दिल को बड़ा सकूं है दिलदार मिल गया । दर दर भटक रहे थे कभी हम यहाँ वहाँअब डर नहीं किसी से सरकार मिल गया । हमराज बन गए हैं दिन…

गुलबहार -माधुरी डड़सेना

गुलबहार होश में हमीं नहीं सनम कभी पुकार अबहो तुम्हीं निगाह में हमें ज़रा निहार अब । वक़्त की फुहार है ये रोज़ की ही बात है दिल मचल के कह रहा मुझे तुम्हीं से प्यार अब। खिल उठा गुलाब…

माधुरी मंजरी- हिंदी काव्य

सेवा पर कविता सेवा वंचित मत रहो,तन मन दीजे झोकसेवा मे सुख पाइए,नहीं लगाओ रोक ।।1।। जो सेवा संपन्न है ,देव अंश तू जान ।इनके दर्शन मात्र से ,मिलते कई निदान ।।2।। सेवा का व्यापार कर ,बनते आज अमीर ।पीड़ित…

हाइकु

माधुरी डड़सेना के हाइकु

माधुरी डड़सेना के हाइकु 1मौसमी ज्वर-फंदे में झूल रहेप्रेमी युगल 2जलतरंग-सर्प के मुख आतीटर्र ध्वनि 3तांडव नृत्य-घर में तैर रहेसारा सामान 4फटा बादल-घर मे दुबका हैमगरमच्छ 5व्यस्त सड़के-बैठे हैं सड़क मेंभैसों का झुंड 6उत्तराषाढा-अरबी में चमकेपानी की बूंदे 7 पहली…