Tag: #माधुरी डड़सेना
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सितारे पर कविता – माधुरी मोहिनी
सितारे पर कविता – माधुरी मोहिनी परियाँ नभ लोक धरा उतरी यह देख अचंभित है जन सारे। मुख ओज भरे चमके छड़ियाँ पर शोभित है…
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बेवफ़ाई पर ग़ज़ल – माधुरी डड़सेना ” मुदिता”
बेवफ़ाई पर ग़ज़ल क्या शिकायत करें जब वफ़ा ही नहींफासले बढ़ रहे अब ख़ता ही नहीं। क्यूं उदासी यहाँ घेर डाला हमेंरोशनी दिल जिगर में…
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मां पर गजल
यहां पर माधुरी डर सेना द्वारा मां पर बेहतरीन ग़ज़ल लिखा गया है।यहाँ मान पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें…
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तुकांत क्या है ?
तुकान्त क्या है ? काव्य पंक्तियों के अंतिम भाग में पायी जाने वाली वर्णों की समानता को तुकान्त कहते हैं। कविता…
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समझाये सबो मोला (छत्तीसगढ़ी गजल)
पगला कहे दुनिया समझाये सबो मोला ।का तोर मया हे दिखलाये सबो मोला ।। मन मोर भरम जाये वो ही गोठ ला करथेंदुरिहा चले जावों…
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कतको दीवाना हे (छत्तीसगढ़ी गजल)
कतको दीवाना हे (छत्तीसगढ़ी गजल) किस्मत के सितारा हा चमक जाही लगत हे ।मन तोर दीवाना हे भटक जाही लगत हे ।। खुशबू ले भरे…
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तीजा पोरा के दिन आगे
तीजा पोरा के दिन आगे तीजा पोरा के दिन आगे चलो मइके दुआरी माउहाँ दाई डहर देखे अपन चढ़के अटारी मा । गुड़ी मा बैठ…
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नये तराने – माधुरी मुस्कान ग़ज़ल
नये तराने – माधुरी मुस्कान ग़ज़ल करीब आओ न दूर जाओ मुझे गले से सनम लगा लो।न जी सकेंगे न मर सकेंगे जहाँ भी हो…
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तुम ही तुम हो – माधुरी डड़सेना मुदिता
तुम ही तुम हो भावना में बसे हो कामना में तुम्हीं हो ।जिंदगी बन गये हो साधना में तुम्हीं हो ।। वादियाँ खूबसूरत हर नजारा…
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खुशनसीब -माधुरी डड़सेना मुदिता
खुशनसीब मैं खुशनसीब हूँ कि मुझे यार मिल गया दिल को बड़ा सकूं है दिलदार मिल गया । दर दर भटक रहे थे कभी हम…