मैं उड़ता पतंग मुझे खींचे कोई डोर
मैं उड़ता पतंग मुझे खींचे कोई डोर मैं उड़ता पतंग ….मुझे खींचे कोई डोर।तेरी ही ओर।।मेरा टूट न जाए धागा।भागा ….भागा…भागा ….मैं खुद से भागा।जागा.. जागा….जागा.. कभी सोया कभी जागा ।कुछ ख्वाहिशें हैं ,कुछ बंदिशें हैं।पग-पग में देखो साजिशें है ।जिसने जो चाहा है कब वो पाया है ।पल पल में तो मुश्किलें है ।यह … Read more