मैं उड़ता पतंग मुझे खींचे कोई डोर

मैं उड़ता पतंग मुझे खींचे कोई डोर मैं उड़ता पतंग ….मुझे खींचे कोई डोर।तेरी ही ओर।।मेरा टूट न जाए धागा।भागा ….भागा…भागा ….मैं खुद से भागा।जागा.. जागा….जागा.. कभी सोया कभी जागा ।कुछ ख्वाहिशें हैं ,कुछ बंदिशें हैं।पग-पग में देखो साजिशें है ।जिसने जो चाहा है कब वो पाया है ।पल पल में तो मुश्किलें है ।यह … Read more

सिमटी हुई कली/मनीभाई नवरत्न

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सिमटी हुई कली/मनीभाई नवरत्न सिमटी हुई कली ,मेरे आंगन में खिली।शाम मेरी ढली,तब वह मोती सी मिली।रोशनी छुपाए जुगनू सासारी सारी रात मेरे घर में जली । चंचलता ऐसी जैसे कोई पंछीओढ़े हुए आसमां की चिर मखमली।खुशबू फैल जाए जहां वह मुस्कुराएकदम पड़े उसकी गली गली। सिमटी हुई कली , मेरे आंगन में खिली।

बिछोह पर कविता- मनीभाई

बिछोह पर कविता – मनीभाई” रात भर मैंसावन की झड़ी मेंसुनता रहाटपटप की आवाजपानी की बूंदें।बस खयाल रहाअंतिम विदापिया के बिछोह मेंगिरते अश्रुगीले नैनों को मूंदेपवन झोकेंसरसराहट सीलगती मुझेजैसे हो सिसकियां।झरोखे तलेसारी घड़ियां चलें।जल फुहारेंकंपकपी बिखेरेभय दिखातीअशुभ की कामनामैं व मेरी कल्पना ।। ✍मनीभाई”नवरत्न”७/८/२०१८ मंगल

4 दिसंबर नौसेना दिवस पर विशेष लेख

भारत की आजादी के बाद 1950 में नौसेना का गठन फिर से हुआ और इसे भारतीय नौसेना नाम दिया गया। विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी इस नौसेना ने 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर भारी बमबारी कर उसे तबाह कर दिया था। 4 दिसंबर 1971 को ऑपरेशन ट्राइडेंट नाम से शुरू किए गए अभियान में मिली कामयाबी की वजह से ही हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है।

विश्व विकलांगता दिवस पर लेख

विकलांगता कोई अभिशाप नहीं है बल्कि विकलांग जिसे अब दिव्यांग कहा जाता है हमारी तरह मनुष्य हैं।