चाँद पर कविता
चाँद पर कविताचाँद बिखरता चाँदनीधवल चन्द्र रात्रि में चाँद बिखरता चाँदनी चाँद बिखरता चाँदनी,करता जग अंजोर।चंद्र कांति से नित लगे,अभी हुआ है भोर।। दुनिया भर से तम मिटा,चारों दिशा प्रकाश।नील…
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर ०नवलपाल प्रभाकर दिनकर के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
चाँद पर कविताचाँद बिखरता चाँदनीधवल चन्द्र रात्रि में चाँद बिखरता चाँदनी चाँद बिखरता चाँदनी,करता जग अंजोर।चंद्र कांति से नित लगे,अभी हुआ है भोर।। दुनिया भर से तम मिटा,चारों दिशा प्रकाश।नील…