Tag: #नवलपाल प्रभाकर दिनकर
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चाँद पर कविता
चाँद बिखरता चाँदनी चाँद बिखरता चाँदनी,करता जग अंजोर।चंद्र कांति से नित लगे,अभी हुआ है भोर।। दुनिया भर से तम मिटा,चारों दिशा प्रकाश।नील गगन पर दिव्यता,आलोकित…
चाँद बिखरता चाँदनी चाँद बिखरता चाँदनी,करता जग अंजोर।चंद्र कांति से नित लगे,अभी हुआ है भोर।। दुनिया भर से तम मिटा,चारों दिशा प्रकाश।नील गगन पर दिव्यता,आलोकित…