Tag *ईश्वर के प्रति समर्पित कविता

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महामानव यीशु/ डॉ विजय कुमार कन्नौजे

महामानव यीशु/ डॉ विजय कुमार कन्नौजे जब जब धरा पर होती है अत्याचार।तब तब प्रभु लेते हैं धरा पर अवतार।। मानवता जब होने लगी धरा पर।जब धरती होने लगी थी , शर्म सार मानव मानवता भुलकर,करने लगे अत्याचार ।गरीब अमीर…

ईश्वर पर कविता

ईश्वर (विधाता छंद ) पहाड़ों को, घटाओं को, हवाओं को बनाया है गगन के थाल को जिसने सितारों से सजाया है धरा की गोद में कानन सघन उपवन बसाया है मेरे ईश्वर की महिमा है! मेरे ईश्वर की माया है…

हिंदी संग्रह कविता-फिर से नवजीवन का विहान

फिर से नवजीवन का विहान जग-जीवन में जो चिर-महान्,सौन्दर्य-पूर्ण औ’ सत्य-प्राण मैं उसका प्रेमी बनूँ, नाथ,जो हो मानव के हित समान। जिससे जीवन में मिले शक्ति,छूटे भय, संशय, अंधभक्ति, मैं वह प्रकाश बन सकूँ, नाथ,मिल जाएँ जिसमें अखिल व्यक्ति। पाकर…

manibhai Navratna

सबसे बड़ा प्रैंकर: मनीभाई नवरत्न

सबसे बड़ा प्रैंकर : मनीभाई नवरत्न ये जो छूटती हैहंसी की झरने लबों से ।हो सकती है स्वास्थ्यवर्धक ,पर नहीं कह सकतेये फूटी होगी प्राकृतिक । पर इसमें दोष नहीं है ,अवतरण जो हुआ तेराऐसे भयानक कृत्रिम जग में। कभी-कभी…