Tag योग पर कविता

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करो योग रहो निरोग /बाबूराम सिंह

करो योग रहो निरोग” एक प्रसिद्ध हिंदी कविता है, जिसे बाबूराम सिंह ने लिखा है। यह कविता योग के महत्व पर आधारित है और योग के लाभों को संदेश में उजागर करती है। इस कविता में योग को जीवन में…

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योग पर दोहे /डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”

योग पर दोहे में डिजेंद्र कुर्रे योग के महत्व को बयां करते हैं, कि योग हमें शांति और सजावट प्रदान करता है, योग पर दोहे /डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर” योग क्रिया तन को करें, अतुल परम बलवान।इसके पुण्य प्रभाव से, मिटते…

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हिंदू दर्शन के षड्दर्शन (छः दर्शन) में से एक है योग

 योग, हिंदू दर्शन के षड्दर्शन (छः दर्शन) में से एक है। योग का शाब्दिक अर्थ है जोड़ना। शारीरिक व्यायाम ,मुद्रा (आसन) को ध्यान (मन) से जोड़ना है इस हेतु सांस लेने की तकनीक को सीखना होता है. शरीर को आत्मा से…