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यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर० प्यारेलाल साहू के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

कहाँ गई कागज की कश्ती – प्यारेलाल साहू

कहाँ गई कागज की कश्ती – प्यारेलाल साहू कहाँ गई कागज की कश्ती।कहाँ गई बचपन की मस्ती।। बचपन कितना था मस्ताना।कभी रूठना और मनाना।। साथ साथ खेला करते थे।आपस में फिर हम लड़ते थे।। साथ साथ पढ़ने जाते थे।बाँट बाँट…

आम फल पर बाल कवितायेँ

यहाँ पर आम फल पर 3 कवितायेँ प्रस्तुत हैं जो कि बाल कवितायेँ हैं नाम मेरा आम नाम मेरा आम है,हूं फिर भी खास।खाते मुझको जो,पा जाते है रास। रूप मेरे है अनेक,सबके मन भाता।देख देख मुझे सब,परमानंद को पाता।…

प्रजा ही है असली राजा – प्यारेलाल साहू

प्रजा ही है असली राजा – प्यारेलाल साहू प्रजा बजा सकती है बड़े बड़ों का बाजा।प्रजा ही है इस देश का प्यारे असली राजा।। मंत्री समझ बैठे हैं खुद को भारत भाग्य विधाता।पता चलता है औकात तब, जब चुनाव है…

village based Poem

चित्र आधारित कविता: गाँव या ग्रामीण परिवेश पर कविता

चित्र आधारित कविता : गाँव या ग्रामीण परिवेश पर कविता , संपादक – आदरणीया कवयित्री रीता प्रधान जी , रायगढ़ , छत्तीसगढ़ गाँव या ग्रामीण परिवेश पर कविता मन चल उस गाँव में – प्रियदर्शनी आचार्य रवि रश्मियों का बाजिरथ,…