राजकिशोर धिरही के गजल
राजकिशोर धिरही के गजल कमाई पाप की हो वो खजाना छोड़ दो अब सेमिलाकर दूध में पानी कमाना छोड़ दो अब से भरोसा जिंदगी का ख़ौफ़ में आकर रहें कब तकमुहब्बत है तुम्हीं से बस सताना छोड़ दो अब से गली में चाँद निकले देखने की कुछ इजाजत होनियम जो जान लेती हो बनाना छोड़ … Read more