शराब पर कविता
शराब पर कविताकुण्डलिया छंदपीना छोड़ शराब को,इससे है नुकसान।तन मन खूब खराब हो,बीमारी की खान।।बीमारी की…
कविता
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर0 राज किशोर धिरही के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .