रामधारी सिंह दिनकर / श्याम कुँवर भारती

पूर्णिका _ दिनकर जैसा । हिंदी है हिंद का हृदय कोई आज ये सोचता है क्या।हिंदी बांधती है राष्ट्र को एक सूत्र कोई मानता है क्या। कलम में खूब जान…

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रामधारी सिंह दिनकर/ बाबूराम सिंह

रामधारी सिंह दिनकर जी कविता संग्रह तेईस सितम्बर  सरस,सन उन्नीस सौ आठ।बालक एक जन्म लिया,शुभ सेमरिया घाट।।बेगु   सराय  बिहार  में ,  है  सेमरिया   घाट।होनहार बालक हुआ,मिला न जिनका काट।।मन में…

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काँटों में राह बनाते हैं – रामधारी सिंह ‘दिनकर’

प्रेरणादायक कविता काँटों में राह बनाते हैं सच है विपत्ति जब आती हैकायर को ही दहलाती हैसूरमा नहीं विचलित होतेक्षण एक नहीं धीरज खोते,विघ्नों को गले लगाते हैं।काँटों में राह…

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