जस्टीशिया(न्याय की देवी) -रेखराम साहू
जस्टीशिया(न्याय की देवी) –रेखराम साहू न्याय की अवधारणा,प्रतिमूर्ति में साकार है।ग्रस्त जो अन्याय से,उनका लिखा उपचार है।। नेत्र की पट्टी प्रदर्शित कर रही निश्पक्षता।है तुला,हो न्याय में व्यवहार की समकक्षता।।न्याय के रक्षार्थ कर में शक्ति की तलवार है… शेष कितना मूल्य है,अब न्याय के प्रतिमान का !वंचना यह निर्बलों को , ढाल सत्तावान का।।लोभ या … Read more