सरस्वती वन्दना
विनती करता हूँ शारदे माता,विद्या का हमको वरदान दे दे।
हम झुके तेरे चरणों में निशदिन,तेरा आसरा हम सबको दे दे।
विनती———
हर वाणी में सरगम है तेरा ,तू हमें स्वर का राग सिखा दे।
हर गीत बन जाए धड़कन,नृत्य पे सुर लय ताल मिला दे।
मन की वीणा के तार बजाकर, सुरमय संगीत हमारा कर दे।
विनती——— ।
हम गुणगान करते है तेरा,तू हमें सच की राह दिखा दे।
विनयशाली बन जाए हम सब,दिव्य बुद्धि का अमृत पिला दे।
मन में ज्ञान दीपक जलाकर,जगमग जीवन ‘रिखब’ का कर दे।
विनती——— ।
विनती करता हूँ शारदे माता,विद्या का हमको वरदान दे दे।
हम झुके तेरे चरणों में निशदिन,तेरा आसरा हम सबको दे दे।
स्वरचित एवं सर्वाधिकार सुरक्षित @रिखब चन्द राँका कल्पेश
कविता बहार से जुड़ने के लिये धन्यवाद