सागर पर हिंदी कविता – सुकमोती चौहान रुचि
सागर पर हिंदी कविता सागर गहरा ज्ञान सा, बड़ा वृहद आकार |कौन भला नापे इसे, डूबा ले संसार |डूबा ले संसार, नहीं सीमा है कोई |कहलाये रत्नेश, यही कंचन की लोई |कहती रुचि यह बात , यही मस्ती का आगर |अनुपम दे आनंद,देख लो गहरा सागर || सागर तट पर बैठकर ,लहरें गिनकर आज |भाव … Read more