Tag: #संध्या सिन्हा

यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०डॉ संध्या सिन्हा के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .

  • साल आता रहा दिन गुजरता रहा

    साल आता रहा दिन गुजरता रहा

    कविता संग्रह
    कविता संग्रह

    साल आता रहा दिन गुजरता रहा
    चाँद लाचार होकर पिघलता रहा।।
    उनको रोटी मिली ना रही आबरु
    वो तो रुपये की सूरत बदलता रहा।।


    दूर मुझसे रहे खाई गहरी रही
    वक़्त मुझसे मुझी में सिमटता रहा।।
    पांच वर्षों में इक बार कम्बल बंटे
    ठंढ से उनका कस्बा क्यूँ डरता रहा।।


    उनकी नज़रों का है कुछ असर इस क़दर
    जिस्म जड़ हो गया, होश उड़ता रहा।।
    कब से जलता है दिल उनकी यादों में यूं
    उनके आते ही लोहू ये जमता रहा।।


    इस नए साल में कुछ भी बदलेगा क्या
    सूफ़ी तारीख कैलेंडर बदलता रहा।।

    //संध्या सूफ़ी//
    पता– डॉ संध्या सिन्हा
            A/4/39, NML FLATS AGRICO
            JAMSHEDPUR, PIN 831009
            JHARKHAND