कविता प्रकाशित कराएँ

Tag: #संध्या सिन्हा

  • साल आता रहा दिन गुजरता रहा

    साल आता रहा दिन गुजरता रहा

    साल आता रहा दिन गुजरता रहा साल आता रहा दिन गुजरता रहाचाँद लाचार होकर पिघलता रहा।।उनको रोटी मिली ना रही आबरुवो तो रुपये की सूरत…