साल आता रहा दिन गुजरता रहा
साल आता रहा दिन गुजरता रहा कविता संग्रह साल आता रहा दिन गुजरता रहाचाँद लाचार होकर पिघलता रहा।।उनको रोटी मिली ना रही आबरुवो तो रुपये की सूरत बदलता रहा।। दूर…
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०डॉ संध्या सिन्हा के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
साल आता रहा दिन गुजरता रहा कविता संग्रह साल आता रहा दिन गुजरता रहाचाँद लाचार होकर पिघलता रहा।।उनको रोटी मिली ना रही आबरुवो तो रुपये की सूरत बदलता रहा।। दूर…