आधुनिकता की आग – पं. शिवम् शर्मा
आधुनिकता की आग – पं. शिवम् शर्मा जरा सी नई धूप क्या लगी सिनेमा जगत की ,जिस्म की जमी पर !नस्ल की फसल बढ़ भी ना पाई की पक गई !! लिवास छोटे – छोटे और छोटे होते ही चले…
यहाँ पर हिन्दी कवि/ कवयित्री आदर०पं.शिवम् शर्मा”के हिंदी कविताओं का संकलन किया गया है . आप कविता बहार शब्दों का श्रृंगार हिंदी कविताओं का संग्रह में लेखक के रूप में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा किये हैं .
आधुनिकता की आग – पं. शिवम् शर्मा जरा सी नई धूप क्या लगी सिनेमा जगत की ,जिस्म की जमी पर !नस्ल की फसल बढ़ भी ना पाई की पक गई !! लिवास छोटे – छोटे और छोटे होते ही चले…
राष्ट्र ध्वज वंदना – पं.शिवम् शर्मा हे गौरव प्रमाण राष्ट्र ध्वजतुम्हे साष्टांग नमन,तेरे ही क्षत्र छाया में बना चमन सारा वतन…. हे अभिमान सूचक,हे कीर्ति वर्धक,तुम्हे कोटि कोटि अभिनन्दन….. करके स्पर्श तेरा ही,पुलकित हो उठे पवन ,देख कर शौर्य रूप…
चित्र आधारित कविता : गाँव या ग्रामीण परिवेश पर कविता , संपादक – आदरणीया कवयित्री रीता प्रधान जी , रायगढ़ , छत्तीसगढ़ गाँव या ग्रामीण परिवेश पर कविता मन चल उस गाँव में – प्रियदर्शनी आचार्य रवि रश्मियों का बाजिरथ,…