शिव महाकाल पर कविता – बाबू लाल शर्मा

हे नीलकंठ शिव महाकाल भक्ति गीत- हे नीलकंठ शिव महाकाल (१६,१४मात्रिक) हे नीलकंठ शिव महाकाल,भूतनाथ हे अविनाशी!हिमराजा के जामाता शिव,गौरा के मन हिय वासी! देवों के सरदार सदाशिव,राम सिया के हो प्यारे!करो जगत कल्याण महा प्रभु,संकट हरलो जग सारे!सागर मंथन से विष पीकर,बने देव हित विश्वासी!हे नीलकंठ शिव महाकाल,भूतनाथ हे अविनासी! भस्म रमाए शीश चंद्र … Read more

सावन में भक्ति

सावन की रिमझिम फुहार के बीच संख व डमरू की आवाज मन की जड़ता को हिला देती है। एक नवीन प्रेरणा
अन्तर्मन को ऊर्जान्वित करने लगती है।
प्रकृति प्रेम सबसे बड़ी ईश्वर सेवा है।

महाशिव भोले भंडारी पर गीत

श्रावण मास में आराध्य महाशिव विषधारी, भोले भंडारी की स्तुति तांटक छन्दगीत में….

हर हर महादेव पर कविता

हर हर महादेव पर कविता – शंकर या महादेव सबसे महत्वपूर्ण देवताओं में से एक है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव भी कहते हैं। इन्हें भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है। तंत्र साधना में इन्हे भैरव के नाम से भी जाना जाता है। हर हर महादेव पर कविता हर-हर … Read more

हे दीन दयालु हे दीनानाथ- मनीभाई नवरत्न

हे दीन दयालु हे दीनानाथहे दीन दयालु, हे दीनानाथ !दीन की रक्षा करलें मांगे वरदान। हे कृपालु ,हे भोलेनाथ! हे कृपालु , हे भोलेनाथ!हीन की रक्षा कर ले मांगे वरदान । ऊंची चोटी पर तेरा वास है ।हर तरफ शांति, उल्लास है। छायी रहे ऐसे सदा, अमन से ये जहान। मांगे वरदान। हे दीन दयालु…. … Read more