शबरी पर कविता/ सौदामिनी खरे दामिनी
शबरी पर कविता/ सौदामिनी खरे दामिनीशबरीशबरी सी भक्ति मिले,जीवन सुगम चले,प्रभु के आशीष तले,होवे नवल विहान।यह…
Recover your password.
A password will be e-mailed to you.
घनाक्षरी एक वार्णिक छन्द है। इसे कवित्त भी कहा जाता है। हिन्दी साहित्य में घनाक्षरी छन्द के प्रथम दर्शन भक्तिकाल में होते हैं। निश्चित रूप से यह कहना कठिन है कि हिन्दी में घनाक्षरी वृत्तों का प्रचलन कब से हुआ। घनाक्षरी छन्द में मधुर भावों की अभिव्यक्ति उतनी सफलता के साथ नहीं हो सकती, जितनी ओजपूर्ण भावों की हो सकती है।