आओ मिल कर योग करें हम / शिवांगी मिश्रा

yogasan

शिवांगी मिश्रा की कविता “आओ मिल कर योग करें हम” योग के सामूहिक और सामाजिक महत्व को उजागर करती है। इस कविता में कवयित्री ने योग को न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य और शांति का साधन बताया है, बल्कि इसे एक सामूहिक गतिविधि के रूप में भी प्रस्तुत किया है जो समुदाय और समाज में एकता … Read more

गणतंत्र दिवस पर कविता

Happy Republic day

गणतंत्र दिवस पर कविता : गणतन्त्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रति वर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन सन् 1950 को भारत सरकार अधिनियम (1935) को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया था। गणतंत्र पर दोहा वीरों के बलिदान से,मिला हमें गणतंत्र।जन-जन के सहयोग से,बनता रक्षा यंत्र।। गणतंत्र दिवस हो अमर,वीरों को कर याद।अपनों के बलिदान से,भारत है … Read more

इश्क़ के रोग की गर तू जो दवा बन जाए

इश्क़ के रोग की गर तू जो दवा बन जाए । रात दिन भीगते है बिन तेरे मेरे नैनाबिन तेरे मिलता नही मुझको अब कही चैनाहर घड़ी याद की भरी स्याहीमुझको तड़पाने रात ले आईंतू जो बारिश की तरह आके मुझे मिल जाए,बादलों की तरह ये दर्द हवा हो जाये ।। इश्क़ के रोग की … Read more

परशुराम जयंती पर रचना

परशुराम जयंती पर रचना हे ! विष्णु के छठवें अवतारी, जगदग्नि रेणुका सुत प्यारे ।तुम अजय युद्ध रण योद्धा हो,जिनसे हर क्षत्रिय रण हारे ।।भृगुवंशी हो तुम रामभद्रब्राम्हण कुल में तुम अवतारीतुम मात पिता के परम भक्तजाए तुम पर दुनिया वारीतुम कहलाए शिव परम भक्त,सब काम लोभ तुमसे हारे ।।तुम अजय युद्ध रण योद्धा हो,जिनसे … Read more

पालन अपना कर्म करो

पालन अपना कर्म करो पाया जीवन है मनुष्य का,पालन अपना कर्म करो ।जीव जंतुओं पशु पक्षी पर, व्यहार को अपने नर्म करो ।।जल प्रथ्वी से खत्म हो रहा ।और पारा बढ़ता गर्मी का ।।जीवों पर संकट मंडराए ।रहा अंश ना नरमी का ।।दया नही आती जीवों पार,कुछ तो थोड़ी शर्म करो ।।जीव जंतुओं पशु पक्षी … Read more