गुरुवर – सुकमोती चौहान रुचि

महर्षि वेद व्यासजी का जन्म आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को ही हुआ था, इसलिए भारत के सब लोग इस पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाते हैं। जैसे ज्ञान सागर के रचयिता व्यास जी जैसे विद्वान् और ज्ञानी कहाँ मिलते हैं। व्यास जी ने उस युग में इन पवित्र वेदों की रचना की जब शिक्षा … Read more

अहिल्या (खण्डकाव्य)- सुकमोती चौहान रुचि

इंद्र के गलती की वजह ऋषि गौतम ने माता अहिल्या शाप देकर पत्थर बना दिया। कालांतर में प्रभु श्रीराम के चरणस्पर्श द्वारा वे पुन: स्त्री बनी।

वन दुर्दशा पर हिंदी कविता

वन दुर्दशा पर हिंदी कविता अब ना वो वन हैना वन की स्निग्ध छायाजहाँ बैठकर विक्रांत मनशांत हो जाता थाजहाँ वन्य जीव करती थी अटखेलियाँजहाँ हिरनों का झुण्ड भरती थी चौकड़ियाँवन के नाम पर बचा हैमिलों दूर खड़ा अकेला पेड़कुछ पेड़ों के कटे अवशेषया झाड़ियों का झुरमुटजो अपनी दशा पर है उदासबड़ी चिंतनीय बात हैवनों … Read more

एक पंथ के दो पथिक

एक पंथ के दो पथिक एक पंथ के दो पथिक सदा, आपस में टकरायेंगे |टेड़ी – मेड़ी राहें जुड़कर , उनको सदा मिलायेंगे | तन – मन पर जो ओढ़ रखा वह, चादर कितना मोटा है |अखिल विश्व ये आज सिमटकर, लगता कितना छोटा है ||उम्र काट देते हैं सारी, तू – तू मैं – … Read more

सुकमोती चौहान “रुचि” की 10 रचनाएँ

सुकमोती चौहान “रुचि” की 10 रचनाएँ एक अंकुरित पौधा एक अंकुरित आम , पड़ा था सड़क किनारे ।आते जाते लोग , सभी थे उसे निहारे ।।खोज रहा अस्तित्व , उठा ले कोई सज्जन ।दे दे जड़ को भूमि , लगा दे लेकर उपवन ।।करता वह चीत्कार है , जीना चाहूँ मैं सुनो ।मुझे सहारा दो तनिक … Read more