नई भोर हुई – सुशी सक्सेना

. नई भोर हुई – सुशी सक्सेना नई भोर हुई, नई किरन जगी।भूमि ईश्वर की, नई सृजन लगी। नई धूप खिली, नई आस पली,ओढ़ के सुनहरी चुनरी प्रकृति हंसी,नया नया सा आकाश है, नये नज़ारे,नववर्ष में कह दो साहिब, हम तुम्हारेसुनकर जिसे, मन में तपन लगी। नववर्ष में है, बस यही मनोकामना,दंश झेले जो हमने … Read more

पाती एक लिखी है बापू के नाम

mahatma gandhi

पाती एक लिखी है बापू के नाम पाती एक लिखी है, हमने प्यारे बापू के नाम।सभांल के रखना इस देश को अब हमारा काम। सत्य अहिंसा की ज्वाला जो दिल में जलाई है।बुझने न दी हमने लौ को, आंधी तो खूब आई है।भेदभाव कभी न रखेंगे, कभी न करेंगे क्रोध।तेरे आदर्शों पर चलेंगे, न करेंगे … Read more

बेटी पर कविता – सुशी सक्सेना

beti

बेटी पर कविता – सुशी सक्सेना मेरी बिटिया, मेरे घर की शान है।मेरे जीने का मकसद, मेरी जान है। पता ही न चला, कब बड़ी हो गई,मेरी बिटिया अपने पैरों पे खड़ी हो गई,मेरे लिए अब भी वो एक नन्हीं कली है,मेरे अंगना कि एक चिड़िया नादान है। या रब, हर बुरी नजर से उसे … Read more

दुर्गा मैया पर कविता – सुशी सक्सेना

jai durga maa

दुर्गा या आदिशक्ति हिन्दुओं की प्रमुख देवी मानी जाती हैं जिन्हें माता, देवी, शक्ति, आध्या शक्ति, भगवती, माता रानी, जगत जननी जग्दम्बा, परमेश्वरी, परम सनातनी देवी आदि नामों से भी जाना जाता हैं। शाक्त सम्प्रदाय की वह मुख्य देवी हैं। दुर्गा को आदि शक्ति, परम भगवती परब्रह्म बताया गया है। दुर्गा मैया पर कविता आओ … Read more

अति पर कविता – सुशी सक्सेना

इंदौर मध्यप्रदेश से आदरणीया सुशी सक्सेना द्वारा रचित अति पर कविता यहां पर प्रस्तुत है