नंदा जाही का संगी -सुशील कुमार राजहंस

नंदा जाही का संगी -सुशील कुमार राजहंस हां संगवारी धीरे धीरे सब नंदात हे।मनखे मशीन के चक्कर म फंदात हे।किसानी के जम्मो काम अब इहि ले हो जात हे।कोनो कमात हे कोनो मशीन ले काम चलात हे।देखतो नवां नवां जमाना म का का आत हे।हमर पुरखा के कतको चिन्हारी ह लुकात हे। अब कहां पाबे … Read more

शीर्षक – मेरा प्यार( हिंदी कविता) रचयिता सुशील कुमार राजहंस

शीर्षक – मेरा प्यार ( हिंदी कविता)
आज के प्रेम और पुराने प्रेम में अंतर और सोच का नजरिया
रचयिता सुशील कुमार राजहंस