वतन वालों वतन ना बेच देना

वतन वालों वतन ना बेच देना

वतन वालों वतन ना बेच देना
ये धरती, ये गगन ना बेच देना
शहीदों ने जान दी है, वतन के वास्ते
शहीदों के कफ़न ना बेच देना

दोस्तों, साथियों, हम चले दे चले
अपना दिल अपनी जाँ
ताकि जीता रहे अपना हिन्दोस्ताँ
हम जीये, हम मरे, इस वतन के लिए
इस चमन के लिए
ताकि खिलते रहें गुल हमेशा यहाँ
दोस्तों, साथियों

दोस्तों से मिलो दोस्तों की तरह
दुश्मनों से मिलो दुश्मनों की तरह
जीना क्या, मरना क्या, बुज़दिलों की तरह
कह रहा ये वतन, ये ज़मीं आसमां

माँओं ने अपने बेटे दिए नौजवाँ
सोचकर और क्या
ताकि जीता रहे अपना हिन्दोस्ताँ

मातृ-भूमि का दिल, तू नहीं तोड़ना
देश के दुश्मनों को नहीं छोड़ना
मरना जीना तुझे, इस वतन के लिए
फ़र्ज़ अपना निभा दे अमन के लिए
नाज़ तुमपे करे, ये ज़मीं-आसमां
देते हैं ये दुआ
ताकि जीता रहे अपना हिन्दोस्ताँ

देश के नाम अपनी जवानी लिखी
ये जवानी है क्या ज़िन्दगानी लिखी
बस यहाँ तक की हमने कहानी लिखी
अब लिखो इसके आगे की तुम दास्तां
फ़र्ज़ कर दो अदा
ताकि जीता रहे अपना हिन्दोस्ताँ
दोस्तों, साथियों, हम चले दे चले…