शादी से पहले

शादी से पहले मैं जीना चाहता थाएकांत जीवन प्रकृति के सानिध्य में।पर न जाने कब उलझासेवा सत्कार आतिथ्य में ।अनचाहे  विरासत में मिलीदुनियादारी की बागडोर ।धीरे-धीरे जकड़ रही हैमुझे बिना किए शोर।कभी तौला नहीं थाअपना वजूद समाज के पलड़ों में ।अब जरूरी जान पड़ताकि पड़ूँ दुनियादारी के लफड़ों में ।सुख चैन मिलता सहजशादी से पहले … Read more

विदाई के पल पर कविता

विदाई के पल पर कविता

विदाई के पल पर कविता वर्षों से जुड़े हुए कुछ पत्तेआज बसंत में टूट रहे हैं ।जरूरत ही जिनकी पेड़ मेंफिर भी नाता छूट रहे हैं। यह पत्ते होते तो बनती पेड़ की ताकत ।इन की छाया में मिलती सबको राहत ।पर सबको मंजिल तक जाना है।सबने बनाई है अपनी-अपनी चाहत ।इन की विदाई से … Read more

आओ स्कूल चलें हम

आओ स्कूल चलें हम आओ स्कूल चलें हम,स्कूल में खुब पढ़ें हम।जब तक सांसे चले,तब तक ना रुके कदम । पढ़ लिख के बन जाएं नेहरू।खुले गगन में उड़ेगें बन पखेरू।गाता रहे हमारी सांसो की सरगम।जैसे परी रानी की पायल की छम छम।आओ स्कूल चले हम …. आज इरादे हैं हमारे कच्चेकल पढ़कर हो जाएंगे … Read more

कमाए धोती वाला खाए टोपी वाला

कमाए धोती वाला खाए टोपी वाला तेरी व्यथा,तेरी कथा,समझे ना ये दुनिया।लूटा तुझे अमीरों ने, पकड़ा दिया झुनझुनिया ।तूने आग में चलके ,पड़ाया रे पांव में छाला ।कमाए धोती वाला ,खाए टोपी वाला ।।1।। खड़े किए ,तूने सैकड़ों मंजिल ।फिर भी निडर तेरा ,दहला ना दिल ।तेरे खुन काम से हाथों में ,जब बह आए … Read more

ममतामयी माँ -मनीभाई “नवरत्न”

यहाँ माँ पर हिंदी कविता लिखी गयी है .माँ वह है जो हमें जन्म देने के साथ ही हमारा लालन-पालन भी करती हैं। माँ के इस रिश्तें को दुनियां में सबसे ज्यादा सम्मान दिया जाता है। ममतामयी माँ लाई दुनिया में पीड़ा सहकर।बचपन बीता माँ-माँ कहकर।स्वर्गानंद लिया गोद में रहकर।आशीष रहा उनका मुझ पर।एक शख्स … Read more