Month November 2019

दर्द कागज़ पर बिखरता चला गया

दर्द कागज़ पर बिखरता चला गया दर्द कागज़ पर बिखरता चला गयारिश्तों की तपिश से झुलसता चला गयाअपनों और बेगानों में उलझता चला गयादर्द कागज़ पर बिखरता चला गया कुछ अपने भी ऐसे थे जो बेगाने हो गए थेसामने फूल…

आधुनिक शिक्षा पर कविता

आधुनिक शिक्षा पर कविता                             सिसक-सिसक कर रोती है बचपन !  आधुनिक शिक्षा की बोझ ढोती है बचपन!!          पढ़ाई की इस अंधाधुंध दौर में ,बचपन ना…

नारी पर आधारित कविता

नारी पर आधारित कविता नारी जगत का सार     नारी सृष्टि काआधार         जननी वो कहलाती              मान उसे दीजिये।।             ???नारी ईश्वर का रूप     उसकी शक्ति अनूप   …

ताजमहल पर कविता -शशिकला कठोलिया

ताजमहल पर कविता मौत भी मिटा नहीं सकी ,मन में रहे यादें हर पल ,भारत के आगरा में बना ,भव्य आकर्षक ताजमहल । फैली है इसकी खूबसूरती ,देख सकते जहां तक ,सात आश्चर्य में से एक ,सुंदरता इसकी है आकर्षक, …

माधुरी मंजरी- हिंदी काव्य

सेवा पर कविता सेवा वंचित मत रहो,तन मन दीजे झोकसेवा मे सुख पाइए,नहीं लगाओ रोक ।।1।। जो सेवा संपन्न है ,देव अंश तू जान ।इनके दर्शन मात्र से ,मिलते कई निदान ।।2।। सेवा का व्यापार कर ,बनते आज अमीर ।पीड़ित…

किसे कहूं दर्द मेरा

किसे कहूं दर्द मेरा किसे कहूं दर्द मेराओ मेरे साजनलगे सब कुछ सुना सुना सातुम बिन छाई मायूसीकाटने को दौड़ते हैं ये लम्हेहर पल, पल पल भीवीरान खण्डहर की तरहछाया काली जुल्फों सा अंधेरा बिन तेरे ए हमसफ़र ।सताता हैं अकेलापनहर…

प्रभु ने ऐसी दुनिया बनाई है-माधवी गणवीर

प्रभु ने ऐसी दुनिया बनाई है- प्रभु ने ऐसी दुनिया बनाई  है,कही धूप तो कही गम की परछाई है। रात का राजा देता है पहरा,चांदनी छिटककर मन में समाई है। निशा ने हर रूप है बदले,धरा पर जुगनुओं की बारात…

पेरा ल काबर लेसत हो

पेरा ल काबर लेसत हो तरसेल होथे पाती – पाती बर, येला काबरा नइ सोचत हो!ये गाय गरुवा के चारा हरे जी , पेरा ल काबरा लेसत हो !! मनखे खाये के किसम-किसम के, गरुवा बर केठन हावे जी !पेरा…

तांका की महक- पद्म मुख पंडा स्वार्थी

तांका की महक बेटी चाहतीमाता पिता की खुशीबहू के लिएसास ससुर बोझतनातनी है रोज बेटी हमारीससुराल क्या गईसास ससुरमांगते हैं दहेजचाहिए कार नई मच्छरों को क्यापाप पुण्य से कामचूसेंगे खूनसभी लोगों का यूं हीजीना करें हराम लापरवाहीहोती खतरनाकसतर्क रहेंध्यान रखें…