माँ कालरात्रि पर कविता
माँ कालरात्रि पर कविता मात भवानी सिद्धिदा , दूर करे त्रय ताप।कालरात्रि माँ पुण्यदा , हरे सभी के पाप।।हरे सभी के पाप , माँ भव सागर तारिणी।हे शूलपाणि मात , चण्डमुण्ड संहारिणी।।कहता कवि करजोरि ,भद्रकाली वरदानी।कर दो भय से मुक्त, हे कृष्णा माँ भवानी।।????मात हेशक्तिशालिनी, हम पर कर उपकार।रक्तबीज संहारिणी , कर आपद संहार।।कर आपद … Read more