माँ कालरात्रि पर कविता

माँ कालरात्रि पर कविता मात भवानी सिद्धिदा , दूर करे त्रय ताप।कालरात्रि माँ पुण्यदा , हरे सभी के पाप।।हरे सभी के पाप , माँ भव सागर तारिणी।हे शूलपाणि मात , चण्डमुण्ड संहारिणी।।कहता कवि करजोरि ,भद्रकाली वरदानी।कर दो भय से मुक्त, हे कृष्णा माँ भवानी।।????मात हेशक्तिशालिनी, हम पर कर उपकार।रक्तबीज संहारिणी , कर आपद संहार।।कर आपद … Read more

शीतऋतु के भोर पर कविता

शीतऋतु के भोर पर कविता भोर कुहासा शीत ऋतुतैर रहे घन मेह।बगिया समझे आपदावन तरु समझे नेह।।.तृषित पपीहा जेठ मेंकरे मेह हित शोरपावस समझे आपदाकोयल कामी चोर करे फूल से नेह वहमन भँवराँ नर देह।भोर……………..।।.ऋतु बासंती आपदासावन सिमटे नैनविरहा तन मन कोकिलाखोये मानस चैन पंथ निहारे गेह कायाद करे हिय गेह।भोर…………….।। याद सिंधु को कर … Read more

कोरोना महामारी पर कविता

korona

कोरोना महामारी पर कविता उथल -पुथल हो चला भूमंडलधरणी पे मची है हाहाकारहै काल के भय से जगत मौनहर ओर मनुज का चीख -पुकारजागो संभलो अब हे मानवदो अपने राजा का साथविश्व का कल्याण करने कोकरो कहीं एकांत निवास ।। शत्रु का वेग है बहुत प्रबलहै उसका रूप बहुत विकरालबंद हो जाओ मौन गुफा मेंओ … Read more

गरीबों पर कविता

गरीबों पर कविता दौड़ने वाले पहिए थम गए,चलने वाले कदम रुक गए।लाए हैं उन अमीरों ने इसको,गरीबों की आँखें नम कर गए। ये कैसी गुलामी में फंद गए,बड़े-बड़े योद्धा भी इसे डर गए।थका बुझा सहमा सा मजदूर,जिसका जीवन पूरा बिखर गए। घायल पंछी की तरह पंख टूट गए,जीवन जीना दूभर हो गए ।हालात से उनको … Read more

माता की पूजा पर कविता

माता की पूजा पर कविता माता की पूजा करूँ ,जाकर उनके द्वार।जननी मेरा भी करो,भव से बेड़ापार।भव से बेड़ापार,भजन तेरा मैं गाऊँ।बने जगत सुखधाम,प्रेम ही नित मैं पाऊँ।कह डिजेन्द्र करजोरि,नहीं मुझको कुछ आता।कर तेरा गुणगान,रहूँ हरदम खुश माता।।~~~~~~~~~~~~~~~~डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”पीपरभवना,बलौदाबाजार (छ.ग.)मो. 8120587822,