माता की पूजा पर कविता

माता की पूजा पर कविता

माता की पूजा करूँ ,
जाकर उनके द्वार।
जननी मेरा भी करो,
भव से बेड़ापार।
भव से बेड़ापार,
भजन तेरा मैं गाऊँ।
बने जगत सुखधाम,
प्रेम ही नित मैं पाऊँ।
कह डिजेन्द्र करजोरि,
नहीं मुझको कुछ आता।
कर तेरा गुणगान,
रहूँ हरदम खुश माता।।
~~~~~~~~~~~~~~~~
डिजेन्द्र कुर्रे “कोहिनूर”
पीपरभवना,बलौदाबाजार (छ.ग.)
मो. 8120587822
,

कविता बहार

"कविता बहार" हिंदी कविता का लिखित संग्रह [ Collection of Hindi poems] है। जिसे भावी पीढ़ियों के लिए अमूल्य निधि के रूप में संजोया जा रहा है। कवियों के नाम, प्रतिष्ठा बनाये रखने के लिए कविता बहार प्रतिबद्ध है।

Leave a Reply