नित्य करूँ मैं वंदना
नित्य करूँ मैं वंदना नित्य करूँ मैं वंदना,गुरुवर को कर जोर।पाऊँ चरणों में जगह ,होकर भाव विभोर।। मात-पिता भगवान हैं,करना वंदन रोज।इन देवों को छोड़कर,करते हो क्या खोज? जिनके आशीर्वाद से ,हुआ सफल हर काम।करता हूँ नित वंदना,मात-पिता के नाम।। धरती माँ की वंदना,यह ही जग में सार।सबको समान जानकर,करती हैं उपकार।। प्रेम भाव से … Read more