नित्य करूँ मैं वंदना

dijendra-kurre-kohinoor

नित्य करूँ मैं वंदना नित्य करूँ मैं वंदना,गुरुवर को कर जोर।पाऊँ चरणों में जगह ,होकर भाव विभोर।। मात-पिता भगवान हैं,करना वंदन रोज।इन देवों को छोड़कर,करते हो क्या खोज? जिनके आशीर्वाद से ,हुआ सफल हर काम।करता हूँ नित वंदना,मात-पिता के नाम।। धरती माँ की वंदना,यह ही जग में सार।सबको समान जानकर,करती हैं उपकार।। प्रेम भाव से … Read more

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मौत की खबर पर कविता

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मौत की खबर पर कविता यूं ही मै गरल पीता रहा,चारदीवारी में गुनता रहा।नजर बंद हो अपने घर में,मौत खबर सब सुनता रहा। अपनों से अपने भी दूर हैं,काँधा भी नहीं मजबूर हैं।दूना कर गए ओ जगत को,अस्थियां उनके चुनता रहा।नजर बंद हो अपने घर में,मौत खबर सब सुनता रहा। छीनी किसने उनकी साँसें,उजड़ गई … Read more

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श्रीराम पर कविता

jai sri ram

श्रीराम पर कविता मर्यादा श्री राम की, जीवन में अपनाय।अहंभाव को त्यागकर,सदा नम्र बन जाय।।1।। सेवक हो हनुमान सा,होय न हिम्मत हार।लाय पहाड़ उठायके, करें दुखों से पार।।2।। अंत दशानन का हुआ, हुई राम की जीत।अहं भाव को त्यागकर, करो राम से प्रीत।।3।। रामचरित से सीख लें, संबंधों का मान।करें राष्ट्र हित कार्य हम, भारत … Read more

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हकीकतों पर कविता

हकीकतों पर कविता परिवर्तन के इसदौर मेंमैं एक ऐसे मोड़पर खड़ा हूंजहां से मुझे एकनिर्णायक निर्णयलेना हैपरंतुकुछ निर्णयलेने के पूर्वउन हकीकतों सेभी मुंह मोड़नामुझे मंजूर नहीं।।।

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नौका पर कविता

नौका पर कविता मँझधारों में माँझी अटका,क्या तुम पार लगाओगी।जर्जर नौका गहन समंदर,सच बोलो कब आओगी। भावि समय संजोता माँझीवर्तमान की तज छाँयाअपनों की उन्नति हित भूलाजो अपनी जर्जर कायाक्या खोया, क्या पाया उसनेतुम ही तो बतलाओगी।जर्जर ………………. ।। भूल धरातल भौतिक सुविधाभूख प्यास निद्रा भूलारही होड़ बस पार उतरनाकल्पित फिर सुख का झूलाआशा रही … Read more

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पंछी पर कविता

पंछी पर कविता यह,मन प्यासा,पंछी मेरानील गगन उड़ करे बसेरा ।पल मे देश विदेशों विचरण,कभी रुष्ट,पल मे अभिनंदन,*प्यासा पंछी, उड़ता मन।।* पल में अवध,परिक्रम करता,सरयू जल अंजुलि में भरता।पल में चित्र कूट जा पहुँचे,अनुसुइया के आश्रम पावन,*प्यासा पंछी, उड़ता मन।।* पल में शबरी आश्रम जाए,बेर,गुठलियाँ ढूँ ढे खाए।किष्किन्धा हनुमत से मिलकर,कपि संगत वह करे जतन,*प्यासा … Read more

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पुस्तक पर दोहे – डॉ एन के सेठी

यह विभिन्न श्रेणियों के अर्न्तगत हिंदी, अंग्रेजी तथा अन्य प्रमुख भारतीय भाषाओँ एवं ब्रेल लिपि में पुस्तकें प्रकाशित करता है। यह हर दूसरे वर्ष नई दिल्ली में ‘विश्व पुस्तक मेले’ का आयोजन करता है, जो एशिया और अफ्रीका का सबसे बड़ा पुस्तक मेला है। यह प्रतिवर्ष 14 से 20 नवम्बर तक ‘राष्ट्रीय पुस्तक सप्ताह’ भी मनाता है। पुस्तक पर दोहे-डॉ एन के सेठी … Read more

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शबनम पर कविता

शबनम पर कविता शबनम की चमकहमारे तुम्हारेमधुर रिश्तों की गंधलिए होती हैमानो तोये सच हैगर न मानों तोये ही शबनमपानी का कतरामात्र होती है।।।

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संघर्ष पर कविता -संघर्ष का प्रतिफल

संघर्ष पर कविता -संघर्ष का प्रतिफल मुझे मेरीसंघर्ष गाथा सेबेहद लगाव हैप्यार हैवोइसलिए किमैं वर्तमान मेंजो कुछ भी हूंवोमेरे संघर्ष काही प्रतिफल हैसंघर्ष के कारण हीमुझे समाज मेंशान से जीने काहक प्राप्त हुआ।। मनोज बाथरे

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