Month May 2020

कवि पर कविता

कवि पर कविता ?मेरा मित्रएक कवि को दूर से आता देखअचानक रुकने लगाबगल वाली गली में जाकरन जाने क्यों छुपने लगामैंने कहा-यारकवि से उधार लिया है पैसाया चुराया है उसका भैंसाअगर नहीं तोकवि से तुझे क्या परेशानी हैवह तो कवि…

शराब पर कविता

शराब पर कविता कुण्डलिया छंद पीना छोड़ शराब को,इससे है नुकसान।तन मन खूब खराब हो,बीमारी की खान।।बीमारी की खान,रखो अपने सुध बुध को।खुश हो घर परिवार,रोक लेना तुम खुद को।छोड़ शराबी यार,अगर बढ़िया से जीना।नशा पान बेकार,कभी मत इसको पीना।।…

मंजूर नहीं पर कविता

मंजूर नहीं पर कविता संघर्षों में ही काटूंगा मैं अपना सारा जीवन क्योंकि मुझे किसी तरह से भी किसी रूप में भी किसी कारण वश भी कदम दर कदम पर समझौता करना मुझे मंजूर नहीं।। Post Views: 50

आत्मविश्वास पर कविता

आत्मविश्वास पर कविता मानसिक शक्ति में वृद्धि ला,सुविचार आत्मविश्वास बढ़ा।सरल व्यक्ति की धनी बनकर,मन की चिंता दूर हटा । अंत: भावना जीवन मे ला,जीवन क्षेत्र में हौसला बढ़ा।प्रगति को शिखर में लाकर,कठिन कार्य को सक्षम बना। स्वतंत्रता संग्राम में कूद…

dr bhimrao ambedkar

भीमराव आंबेडकर पर कविता / Poem on BR Ambedkar in hindi

भीमराव रामजी आम्बेडकर (14 अप्रैल, 1891 – 6 दिसंबर, 1956), डॉ॰ बाबासाहब आम्बेडकर नाम से लोकप्रिय, भारतीय बहुज्ञ, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, और समाजसुधारक थे।[1] उन्होंने दलित बौद्ध आंदोलन को प्रेरित किया और अछूतों (दलितों) से सामाजिक भेदभाव के विरुद्ध अभियान चलाया था। श्रमिकों, किसानों और महिलाओं के अधिकारों का समर्थन भी किया था। वे स्वतंत्र भारत के प्रथम विधि एवं…

शिव स्तुति-रमेश शर्मा

प्रस्तुत कविता शिव स्तुति भगवान शिव पर आधारित है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव, भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है।

श्रमिक पर कविता

श्रमिक पर कविता खून पसीना एक कर,करता जग कल्याण।औरों के हित के लिए, देता अपने प्राण।।????स्वेद बहे मजदूर का, तभी बने आवास।जीवन में पाता वही, श्रम से करे प्रयास।।????श्रम जीवन में जो करे, होता बड़ा महान।इसके बल पर ही वही,…

खीर पर कविता

खीर पर कविता मम्मी मम्मी खीर बना दोचम्मच चम्मच खाएँगे एक कटोरी मुझको देनाएक कटोरी मुन्नी कोथोड़ी सी उसको भी देनाखाला की उस चुन्नी को गरम गरम जो निकले पूड़ीपल में चट कर जाएँगेमम्मी मम्मी खीर बना दोचम्मच चम्मच खाएँगे…

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विश्व मलेरिया दिवस पर कविता /राजकिशोर धिरही

विश्व मलेरिया दिवस पर कविता /राजकिशोर धिरही बचना मच्छर काट से,मानो मेरी बातमच्छरदानी को लगा,नींद पड़े दिन रात।।नींद पड़े दिन रात,हटे बाधा तब सोना।स्वच्छ रहे घर द्वार,साफ हो कोना कोना।।मलेरिया से दूर,सुरक्षा घेरा रचना।उड़ते मक्खी कीट,सदा इनसे तुम बचना।। पानी…

राजकिशोर धिरही के गजल

राजकिशोर धिरही के गजल कमाई पाप की हो वो खजाना छोड़ दो अब सेमिलाकर दूध में पानी कमाना छोड़ दो अब से भरोसा जिंदगी का ख़ौफ़ में आकर रहें कब तकमुहब्बत है तुम्हीं से बस सताना छोड़ दो अब से…