बहुत भटक लिया हूँ मैं – अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”
इस रचना के माध्यम से मैं जीवन को एक दिशा देना चाहता हूँ | एक कोशिश जो शायद आपको पसंद आये |
इस रचना के माध्यम से मैं जीवन को एक दिशा देना चाहता हूँ | एक कोशिश जो शायद आपको पसंद आये |
इस रचना के माध्यम से कलम अपने दर्द को किस तरह बयाँ कर रही है को बेहतर तरीके से पंक्तिबद्ध करने की एक कोशिश की गयी है |
Mahila Diwas ki shubhkamnayein
तीर्थ भूमि पर जन्म धरे से संत नहीं कहलाओगे
ज्योति यह जले सूत्र संगठन सँभाल, ज्योति यह जले।कोटि-कोटि दीप-माल ज्योति यह जले। राष्ट्र अंधकार के विनाश के लिए,चिर अतीत के धवल प्रकाश के लिए।बुद्धि के, विवेक के विकास के लिएवृद्धि के समृद्धि के प्रयास के लिए।त्याग की लिए मशाल, ज्योति यह जले। सूत्र संगठन… राष्ट्र की अखण्ड साधना अमर बने,प्राण-प्राण-कंठ की पुकार एक हो।राष्ट्र … Read more